अति तीक्ष्ण परी साधना

Responsive Ad Here

अति तीक्ष्ण परी साधना



परी साधना !!!!!! सौभाग्य और सौंदर्य का अद्भुत मिश्रण होती है । आपके जीवन पथ को पूर्णतः निष्कंटक बनाने का काम करती है एक परी । आपके जीवन में चाहे कितनी ही बड़ी मुश्किल कयूँ ना हो बस अपनी छोटी सी मदभरी मुस्कान से उस मुश्किल को आपके जीवन से एसे निकाल फेंकती है जैसे वो पहले थी ही नहीं । आपका कोई भी काम हो चाहे कितना ही बड़ा हो परी के लिए तो वो एक मामूली सी बात है । वो जीवन भर एक सच्ची प्रेमिका / सहेली की भांति आपकी हर एक आज्ञा का पालन करती है । मुझे यह साधना एक अति पवित्र आत्मा के आवाहन से प्राप्त हुई थी । यह बहुत ही तीक्ष्ण साधना है । इस साधना को वो ही कर सकता है जिसका हृदय पत्थर का हो यानि जो जीवन की किसी भी परिस्थिति से विचलित ना होता हो ।
मैं एसी साधना किसी को नहीं देता , परन्तु मेरे एक शिष्य की स्थिति अति गम्भीर है , इसलिए यह साधना दे रहा हूँ ताकि उसके साथ-साथ अन्य साधक भी इसका लाभ उठा सकें । मुझे आप सब की चिंता है और आप लोगों की कामनाओं तथा दुखों का आभास है । मैं तो बस यही चाहता हूँ कि आपका जीवन व्यर्थ ना जाए बल्कि आप अपने जीवन के समस्त सुखों को भोगकर अंततः मोक्ष प्राप्त कर सकें ।

॥ साधना विधि ॥
इस साधना को आपको श्मशान में करना है । यह मात्र 1 दिन की साधना है । आपको पूर्णिमा पर इस साधना को करना होगा , क्योंकि इस दिन यह पवित्र  योनिआँ अति शक्तिशाली हो जाती हैं और अपने पूर्ण प्रभाव के साथ सिद्ध होती हैं । आपको करना क्या है कि स्नान करके श्मशान में रात के पूरे 10 बजे प्रवेश करना है । उत्तर दिशा की ओर मुख कर इस साधना को करना होता है । सबसे पहले आसन जाप पढ़ना है और फिर शरीर कीलन मंत्र पढ़कर अपने चारों ओर लोहे की छुरी से एक गोल चक्र बनाना है । इसके पश्चात लोहबान की अगरबत्ती जलाकर गुरु एवं गणपति जी का मानस पूजन करना है और उनसे साधना हेतु आज्ञा माँगनी है । अब आपको मंत्र जप प्रारम्भ करना होगा , जिसमें आप रूद्राक्ष की माला का प्रयोग करेंगे जोकि प्राण-प्रतिष्ठित होगी । इस साधना में आसन एवं वस्त्र श्वेत होंगे । आपको लगातार मंत्र जप करते जाना है जब तक कि परी हाज़िर ना हो जाए । जैसे - जैसे आप मंत्र जप करते जाएँगे वैसे - वैसे सारा श्मशान जागृत होता चला जाएगा । कभी आपके सामने अति क्रूर इतर योनिआँ आएगीं और आपके उपर झपटेगीं , तो कभी जंगली जानवर और अन्य जीव आपकी साधना खंडित करने की कोशिश करेंगे । आपको बस किसी भी हालत में उस सुरक्षा चक्र से बाहर नहीं आना है नहीं तो वो इतर योनिआँ आपको नुकसान पहुँचा सकतीं हैं और आप पागल भी हो सकते हैं। अगर आप अपनी साधना से विचलित ना हुए तो कुछ देर के बाद सारा श्मशान शांत हो जाएगा और आपको आसमान से नीचे की ओर आती हुई एक परी नज़र आएगी जो बहुत ही सुंदर होगी । जब वो आपके पास आए तो पहले से लाकर रखे हुए गुलाब के पुष्पों की वर्षा उसके उपर कर दें और उससे वचन माँगे कि " आप
मुझे वचन दें कि मैं जब भी इस मंत्र का
एक बार उच्चारण करूंगा आपको आना होगा और जो मैं कहूँगा वो करना होगा
तथा आपको आजीवन मेरे साथ मेरी प्रेमिका के रूप में रहना पड़ेगा "। इस तरह वो परी आपके वश में हो जाएगी और आप उससे कुछ भी करवा सकते हैं ।

॥ मन्त्र ॥
बा हिसार हनसद हिसार जिन्न देवी परी ज़ेर वह एक खाई दूसरी अगन पसारी गर्व दीगर जां मिलाईके असवार धनात ॥

॥ नोट ॥
साधकों !!! वो परी आपकी हर बात मानेगी पर आपको एक बात का ख्याल रखना है कि उस परी के साथ सम्भोग बिल्कुल नहीं करना है नहीं तो वो आपको छोड़कर चली जाएगी और फिर कभी सिद्ध नहीं होगी । वो आपको इस दुष्कर्म के बदले श्राप भी दे सकती है । इसलिए वो साधक ही इस साधना को करें जो खुद पर नियंत्रण रख सकें ।

॥ मेरा अनुभव ॥
जब मैंने यह साधना की थी तो लगभग 3 घंटे के बाद मेरे आगे और पीछे दो Cobra आकर बैठ गए थे । थोड़ी देर के पश्चात वो चले गये और फिर 2 सांड लड़ते हुए तेजी से मेरी तरफ आ रहे थे । उस समय एसा लगा कि अगर मैं अपनी जगह से ना उठा तो वो मुझे कुचल देंगे । पर मैंने दिल पर पत्थर रखा और मंत्र जप करता रहा । उसके पश्चात् बहुत ही भयानक सूरत वाले प्रेत हाज़िर हुए जो लगातार मुझ तक पहुँचने की कोशिश कर रहे थे । मैं थोड़ा सा तो डरा फिर सोचा कि जब तक इस सुरक्षा चक्र में हूँ ये मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते । बस फिर क्या था मेरे होंसले के आगे परी को हार माननी पड़ी और वो मुझे सिद्ध हो गई ।


चेतावनी – यह एक तीव्र साधना है इसलिए इसे गुरु आज्ञा से ही करे ! किसी भी तरह के फायदे और नुक्सान की जिम्मेदारी हमारी नहीं है !

Responsive Ad Here

Author:

velit viverra minim sed metus egestas sapien consectetuer, ac etiam bibendum cras posuere pede placerat, velit neque felis. Turpis ut mollis, elit et vestibulum mattis integer aenean nulla, in vitae id augue vitae.