रखता वीर

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रखता वीर

|| मन्त्र ||

रखता वीर लै कर्द कलेजा चीर
मेरा वैरी तेरा भछ
ताइओ मुड़ी पीके रत्त
चले मन्त्र फुरे वाचा
देखां रखता वीर तेरी हाजरी का तमाशा !


|| विधि ||


प्रतिदिन रात्रि 10 बजे आसन पर बैठे और आसन जाप और शरीर कीलन मंत्र पढकर रक्षा घेरा बनाएँ ! उसके बाद गुरु पूजन और गणेश पूजन करे और उनसे मंत्र जप की आज्ञा ले ! फिर अपने सामने उबले हुए चावलों में पांच चम्मच घी और पांच चम्मच शक्कर मिलाकर मिटटी के बर्तन में रखे और थोड़ी सी शराब भी मिटटी के बर्तन में रखे ! अब ऊपर दिए मंत्र का ढाई घंटे जप करे , जप के दौरान किसी भी हालत में रक्षा घेरे से बाहर ना आयें ! यह साधना किसी नदी के किनारे या उजाड़ स्थान में करे और इस पूरी क्रिया के दौरान गाय के घी का दीपक जलता रहना चाहिए ! यह साधना आपको 41 दिन करनी है !

|| प्रयोग विधि ||


जब भी कोई काम करवाना हो तो इसी प्रकार मिटटी के बर्तन में सारी सामग्री और शराब उजाड़ स्थान में रखे और 11 बार मंत्र पढ़कर अपना कार्य बोल दे , आपका कार्य सिद्ध हो जायेगा ! यदि वीर प्रत्यक्ष हो जाएँ तो उसे जाहरवीर बाबा और गुरु गोरखनाथ जी की कसम खिलाकर अंगूठे पर स्थापित होने के लिए कहे और यह वचन ले कि जब भी मैं चुटकी बजाकर कोई कार्य कहूँगा उस कार्य को सिद्ध करना पड़ेगा !

चेतावनी – यह एक तीव्र साधना है इसलिए इसे गुरु आज्ञा से ही करे ! किसी भी तरह के फायदे और नुक्सान की जिम्मेदारी हमारी नहीं है !

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