9 को प्रदोष: ये परेशानियां चल रहीं हैं तो बोलें महामृत्युञ्जय मंत्र जप
हिन्दू पंचांग की प्रदोष तिथि (हिन्दू माह की द्वादशी-त्रयोदशी योग या त्रयोदशी तिथि) शिव भक्ति और साधना का अचूक काल है। यही नहीं, इस दौरान भगवान शिव की उपासना से दु:ख, रोग और मृत्यु के भय से छुटकारे के लिए महामृत्युञ्जय मंत्र का जप भी बड़ा ही असरदार उपाय माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इस मंत्र के जप से व्यक्ति, परिवार, समाज और देश पर आने वाली हर संकट, बाधा, विपदा और त्रासदी का अंत हो सकता है।
- जन्म कुण्डली में ग्रह दोष, ग्रहों की महादशा या अंतर्दशा के बुरे प्रभावों की शांति के लिए।
- विवाह संबंधों में बाधक नाड़ी दोष या अन्य कोई बाधक योग को दूर करने में।
- किसी लाइलाज गंभीर रोग की पीड़ा से मुक्ति के लिए।
- महामारी के प्रकोप से बचने के लिए।
- वात(वायु),पित्त(ताप) और कफ(शीत) के दोष से पैदा हुए रोगों से छुटकारे के लिए।
- दुर्घटना या बीमारी से जीवन पर आए संकट से मुक्ति के लिए।
- अभाव व दरिद्रता दूर कर धन लाभ व खुशहाली के लिए।
- मानसिक तनाव और संताप की वजह से सांसारिक धर्म और अध्यात्म से बनी दूरी को खत्म करने के लिए।
- परिवार, समाज और करीबी संबंधों में घुले कलह को दूर करने के लिए।
- देश में अशांति और अलगाव की स्थिति बनी हो।
- संपत्ति विवाद सुलझाने के लिए।
- राजकोप या प्रशासनिक परेशानी दूर करने के लिए।
हिन्दू पंचांग की प्रदोष तिथि (हिन्दू माह की द्वादशी-त्रयोदशी योग या त्रयोदशी तिथि) शिव भक्ति और साधना का अचूक काल है। यही नहीं, इस दौरान भगवान शिव की उपासना से दु:ख, रोग और मृत्यु के भय से छुटकारे के लिए महामृत्युञ्जय मंत्र का जप भी बड़ा ही असरदार उपाय माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इस मंत्र के जप से व्यक्ति, परिवार, समाज और देश पर आने वाली हर संकट, बाधा, विपदा और त्रासदी का अंत हो सकता है।
- जन्म कुण्डली में ग्रह दोष, ग्रहों की महादशा या अंतर्दशा के बुरे प्रभावों की शांति के लिए।
- विवाह संबंधों में बाधक नाड़ी दोष या अन्य कोई बाधक योग को दूर करने में।
- किसी लाइलाज गंभीर रोग की पीड़ा से मुक्ति के लिए।
- महामारी के प्रकोप से बचने के लिए।
- वात(वायु),पित्त(ताप) और कफ(शीत) के दोष से पैदा हुए रोगों से छुटकारे के लिए।
- दुर्घटना या बीमारी से जीवन पर आए संकट से मुक्ति के लिए।
- अभाव व दरिद्रता दूर कर धन लाभ व खुशहाली के लिए।
- मानसिक तनाव और संताप की वजह से सांसारिक धर्म और अध्यात्म से बनी दूरी को खत्म करने के लिए।
- परिवार, समाज और करीबी संबंधों में घुले कलह को दूर करने के लिए।
- देश में अशांति और अलगाव की स्थिति बनी हो।
- संपत्ति विवाद सुलझाने के लिए।
- राजकोप या प्रशासनिक परेशानी दूर करने के लिए।