नेत्र रोग की महत्वपूर्ण साधना
आंखे मनुष्य के लिए अनमोल रत्न हैं | कई बार व्यक्ति अकारण वश नेत्र रोग से पीड़ित हो जाते हैं | जिससे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है | यह बहुत ही तीक्ष्ण मन्त्र है, इससे तमाम नेत्र रोग से निज़ात पाई जा सकती है | इसे भी ग्रहण काल, होली, दीपावली आदि शुभ मुहुरतों में १०८ बार जाप कर सिद्ध कर लें और प्रयोग के वक़्त इसको ७ बार पढ़कर कुषा से झाडा कर दें , तमाम नेत्र दोष दूर हो जाते हैं |
मंत्र :- ॐ अन्गाली बंगाली अताल पताल गर्द मर्द आदर ददार फट फट उत्कट ॐ हुं हुं ठा ठा