उदर रोग का एक महत्वपूर्ण प्रयोग
इस साधना को करने से पेट की तमाम बीमारियों से निज़ात पाई जा सकती है | बदहज्मी, पेट गैस, दर्द और आंव का पूर्ण इलाज हो जाता है | इसे ग्रहण काल, दीपावली और होली आदि शुभ मुहुरतों में कभी भी सिद्ध किया जा सकता है | आप दिन या रात में कभी भी कर सकते हैं | इस मंत्र को १०८ बार जप कर सिद्ध कर लें | प्रयोग के वक़्त ७ बार पानी पर मन्त्र पढ़ फूँक मारें और रोगी को पिला दें , जल्द ही फ़ायदा होगा |
मंत्र :- ॐ नमो अदेस गुरु को शियाम बरत शियाम गुरु पर्वत में बड़ बड़ में कुआ कुआ में तीन सुआ कोन कोन सुआ वाई सुआ छर सुआ पीड़ सुआ भाज भाज रे झरावे यती हनुमत मार करेगा भसमंत फुरो मन्त्र इश्वरो वाचा